
Impact of tariff : कई देशों पर अमेरिका टैरिफ लगा चुका है, इसके बाद अब अमेरिका ने चीन पर भी टैरिफ लगा दिया है। जिसमे अमेरिका की तरफ से चीन पर कुल 104 फीसदी टैरिफ लगाया जा रहा है। जो की दुनिया भर में चिंता का विषय बन चुकी है। बता दें की दुनिया भर में सप्लाई चैन में अहम् भूमिका निभाने वाला चीन भी टैरिफ के जाल में फंस चुका है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं की ये भारत पर भी असर डालेगा। वहीं इसको अमेरिका और चीन के बिच व्यापर युद्ध का नाम भी दिया जा रहा है।
इन जगहों पर हो सकता है भारत को नुकसान
भारत की तरफ से अमेरिका से ऐसी कई चीजें आयात की जाती हैं, जिनमें चीन का अहम योगदान होता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो विमान, इनके इंजन, आभूषण-रत्न, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, ऑटो क्षेत्र से जुड़े पार्ट्स, आदि। इन सभी उत्पादों के निर्माण के लिए अमेरिका बड़े स्तर पर चीन पर निर्भर है, क्योंकि ऑटो में लगने वाले पार्ट्स से लेकर विमानों के इंजन में लगने वाले हिस्सों तक अमेरिका इनके लिए महत्वपूर्ण और दुर्लभ खनिजों (लिथियम, स्कैंडियम, आदि का आयात चीन से ही करता है। चीन ने भी दुनियाभर में इसकी सप्लाई चेन पर पूरी तरह कब्जा किया है। उदाहरण के तौर पर दुनियाभर में कारों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, विमानों और अन्य चीजों में इस्तेमाल होने वाले लिथियम का दुनियाभर में 80 फीसदी निर्यात सिर्फ चीन से ही होता है। तो ऐसी जगहों पर भारत को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या होता है टैरिफ
टैरिफ एक तरह का टैक्स होता है जो किसी देश की सरकार विदेशी सामान और सेवाओं पर लगाती है, जब वो देश के अंदर आयात किए जाते हैं।जब कोई उत्पाद सीमा पार करता है, तो उसे बेचने वाली कंपनी को उस देश की सरकार को यह टैक्स देना होता है।एड-वैलोरम टैरिफ यह वस्तु के मूल्य का एक प्रतिशत होता है।उदाहरण के लिए, अगर किसी सामान की कीमत 1,000 रुपये है और 10% टैरिफ है, तो 100 रुपये टैक्स देना होगा। स्पेसिफिक टैरिफ यह प्रति यूनिट एक तय राशि होती है, जैसे 50 रुपये प्रति किलो।