Himachal News: समूचे राज्य में अकेले जिला कांगड़ा में अवैध शराब का कारोबार खूब फलफूल हो रहा है। जिला कांगड़ा में 2 पुलिस जिला कांगड़ा व नूरपुर में वर्ष 2024 में 11 माह में ही 699 मामले अवैध शराब के दर्ज किए गए हैं, जिसमें पुलिस जिला कांगड़ा में 446 और पुलिस जिला नूरपुर में 253 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि दिसम्बर माह में भी आबकारी अधिनियम के तहत मामले दर्ज हुए हैं, जिसका विवरण आना है, जिससे यहां मामलों में और इजाफा होगा।
अवैध शराब के मामले में दूसरे नंबर पर जिला मंडी आता है, जहां पर 386 केस दर्ज किए गए हैं। तीसरे स्थान पर चल रहे कुल्लू जिले में 335 मामले, चौथे स्थान पर जिला चम्बा में 280 व 5वें स्थान पर जिला पुलिस शिमला के तहत 216 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके अलावा पुलिस जिला बीबीएन में 112, बिलासपुर में 110, हमीरपुर में 73, किन्नौर में 98, लाहौल-स्पीति में 51, सिरमौर में 188, सोलन में 73 और पुलिस जिला ऊना के तहत 112 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
सबसे ज्यादा 2022 में दर्ज हुए मामले
बीते वर्ष 11 माह में समूचे प्रदेश में अवैध शराब के आबकारी अधिनियम के तहत 2734 मामले दायर किए जा चुके हैं। पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक मामले वर्ष 2022 में दर्ज हुए हैं और इस वर्ष 3119 मामले आबकारी अधिनियम के तहत पंजीकृत हुए हैं। सबसे कम वर्ष 2014 में 1492 मामले ही दर्ज किए गए हैं।
मंडी में सबसे ज्यादा लकड़ी तस्करी
यदि बात वन संपदा की हो तो फोरैस्ट एक्ट के तहत सबसे ज्यादा मामले जिला मंडी में सामने आए हैं। वर्ष 2024 में 11 माह में समूचे प्रदेश में फोरैस्ट एक्ट के तहत 111 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से जिला मंडी में सबसे अधिक 23 मामले दर्ज हैं। यानी जिला मंडी में सबसे अधिक लकड़ी की तस्करी होती है। उसके बाद सिरमौर में 18, कुल्लू में 17, ऊना में 14 व शिमला में 10 केस फोरैस्ट एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं। बीबीएन में 8, बिलासपुर, चम्बा व लाहौल स्पीति में 1-1, हमीरपुर में 3, कांगड़ा में 6, नूरपुर में 4, सोलन में 5 केस दर्ज हुए हैं, जबकि किन्नौर में एक भी मामला फोरैस्ट एक्ट के तहत दर्ज नहीं हुआ है।
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