High Court Haryana Government: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों और उपकरण खरीद में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया था। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जवाब दायर नहीं करने पर जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने सरकार पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए अगली सुनवाई पर जवाब दायर करने का अंतिम अवसर दिया है।
दरअसल, इस मामले में 24 फरवरी 2020 को शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को राज्य के तहत सक्षम प्राधिकारी शिकायत में निहित आरोपों के संबंध में 1988 अधिनियम के 17-ए के तहत अनुमोदन देने या अस्वीकार करने का निर्देश जारी करने के आदेश दिए थे।
कोर्ट की ओर से मामले में फैसला कर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जवाब दायर करने का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके प्रदेश सरकार द्वारा मामले में कई तारीख बीतने पर भी जवाब दायर नहीं किया गया।
दुष्यंत चौटाला की सीबीआई जांच और कैग से ऑडिट की मांग
हाईकोर्ट ने जगविंद्र सिंह कुल्हरिया की ओर से वकील प्रदीप रापड़िया के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए थे। याचिका के अनुसार प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हुए दवा खरीद घोटाले संबंधी मामले में साल 2018 में तत्कालीन सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सीबीआई जांच और कैग से आडिट कराने की मांग की थी।
आरटीआई के अनुसार तीन वर्ष की समयावधि में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कई करोड़ रुपये की दवाएं और मेडिकल उपकरण महंगे दामों पर खरीदे गए थे। इस मामले के सामने आने के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज थे।
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