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झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में आग,10 नवजात बच्चों की मौत,PM-CM ने जताया दुख,परिजनों में आक्रोश

झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में आग,10 नवजात बच्चों की मौत,PM-CM ने जताया दुख,परिजनों में आक्रोश

 

उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन देखभाल ईकाई (एनआईसीयू) में आग लगने से दस बच्चों की मौत हो गई है। शुक्रवार रात एनआईसीयू वार्ड में आग लगते ही मौके पर अफरा तफरी मच गई और वहां मौजूद स्टाफ तथा लोग जिन भी बच्चों को लेकर निकल सके उन्हें लेकर निकले। हादसे की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन, बचाव टीम और दमकम विभाग की गाडियां मौके पर पहुंची।

हालात इतने भीषण थे कि खिड़कियों की जालियां तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया। समय रहते दमकल और बचाव टीम मौके पर पहुंच गई थी। गंभीर रूप से घायल को उपचार दिया जा रहा है। कमिश्नर और डीआईजी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है, जिसके संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा रिपोर्ट मांगी गई है। बताया जा रहा है कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे ,जिसमें 10 बच्चों की मौत हो गई लेकिन बाकी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है और उनका इलाज इमरजेंसी में किया जा रहा है। 

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहन दुख जताते हुए दिवंगत आत्माओं की सद्गति के लिए प्रार्थना की है और अधिकारी को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के आदेश दिये हैं। उन्होंने टवीट कर लिखा, "जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं ह्रदयविदारक है। जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिये हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।"

उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना में शिशुओं की मौत होने पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।" 

फिलहाल मेडिकल कॉलेज परिसर में अफरातफरी का माहौल है। प्रशासन ने व्यवस्थाओ को संभालने के लिए इमरजेंसी में दो से थानों की पुलिस को तैनात किया है। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। पीडित परिजनों के बीच गहरी शोक की लहर है। 

परिजनों ने लगाए ये गंभीर आरोप... 

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है जिन बच्चों को निकू वार्ड से बचकर इमरजेंसी में भी भर्ती कराया गया है, उनके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। परिजनों का कहना है कि जिस समय आग लगी उसे समय जिसके हाथ जो भी बच्चा लगा उसे लेकर वह बाहर भागे ,ऐसे में जिन बच्चों पर टैग लगे थे वह टैग भी निकल गए और यह किसी को नहीं पता है कि किसका बच्चा किसके पास है।

परिजनों ने एक स्वर से सभी बच्चों का डीएनए परीक्षण किए जाने की मांग उठाई है। ऐसी परिस्थितियों में परिजनों के बीच आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है सभी लोग इस बात को लेकर परेशान है कि उन्हें अपने बच्चों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि जिन बच्चों को दो-दो घंटे में दूध पिलाया जा रहा था उन बच्चों को रात से सुबह 10,11 बजे तक किस तरह से दूध पिलाया जा रहा है ,वह कहां है इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। 

 


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