Haryana Politics: भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ प्लॉट आवंटन मामले को लेकर ED पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची। इस मामले पर हाईकोर्ट ने हुड्डा को नोटिस जारी कर 9 दिसंबर तक जवाब मांगा है।
भूमि आवंटन मामले को लेकर CBI ने पहले से ही मामला दर्ज किया हुआ है, जबकि ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है। दरअसल इस मामले में फरवरी 2021 में पंचकूला की विशेष अदालत में शिकायत दायर की गई थी, लेकिन इस मामले पर कोर्ट ने संज्ञान लिया और 15 मई 2024 के आदेश के अनुसार PMLA मामले की सुनवाई को ‘CBI द्वारा अंतिम रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक’ रोक दिया था। अब 6 महीने बाद ED ने इसी आदेश को चुनौती दी है।
CBI व ED की जांच अलग-अलग
बता दें कि CBI और ED दोनों जांच अलग है भले ही एक मामले पर सुनवाई हो, मनी लॉन्ड्रिंग अलग अपराध है, इसलिए कि इस विषय पर सीबीआइ जांच से कोई लेना देना नहीं है। ये मामले एक ही विषय पर हैं, लेकिन इसकी जांच अलग है। ऐसे में PMLA मामले पर रोक के आधार पर मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगाना कानून की दृष्टि से गलत था।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगा है कि जब वह हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर काम करते थे, तो उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर अयोग्य आवेदकों को प्लॉट बांटे थे, और अपने मन मुताबिक नियमों में भी बदलाव किया।
ईडी ने अपनी याचिका में भूपेंद्र हुड्डा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आवंटन मानदंडों का गलत इस्तेमाल किया है। अपने गुनाहों को छुपाने के लिए फाइल को अपने पास रखा है। ईडी ने यह भी कहा है कि जिस तरह से PMLA ने मामले को रोक दिया है, इसकी वजह से इस तरह के लंबित मामलों पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा। ईडी का यह भी कहना है कि विशेष अदालत द्वारा इस तरह के मामलों पर रोक लगाना कानून के खिलाफ है, इसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए।
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