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कोलकता रेप मर्डर केस में 10 पॉलीग्राफ टेस्ट, संजय का DNA मैच

कोलकता रेप मर्डर केस में 10 पॉलीग्राफ टेस्ट, संजय का DNA मैच

 

Kolkata Rape Case: कोलकाता रेप-मर्डर केस में CBI की जांच लगभग पूरी हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी को ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप के सबूत नहीं मिले हैं। 10 पॉलीग्राफ टेस्ट, 100 लोगों से पूछताछ और अबतक की जांच में CBI का मानना है कि वारदात को आरोपी संजय रॉय ने अकेले अंजाम दिया है।

ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी और क्राइम सीन से मिले सैंपल से आरोपी संजय का DNA मैच हो गया है CBI ने DNA रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबबूतों को AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों को भेजा है। डॉक्टरों के फाइनल ओपिनियन के बाद एजेंसी जांच खत्म कर संजय के खिलाफ चार्जशीट फाइल करेगी। 

दरअसल , आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। असपताल के सेमिनार हॉल में उसकी अर्धनग्न बॉडी मिली थी। उनकी आंखे , मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। गर्दन की हड्डी भी टूटी थी। CBI को आशंका थी कि गिरफ्तार किए गए सिविक वॉलेंटियर संजय के आलावा वारदात में और भी लोग शामिल हैं, लेकिन अब तक इसके सबूत नहीं मिले हैं। 

संजय नें पॉलीग्राफ में जुर्म कबूला

25 अगस्त को 3 घंटे संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट चला। जिसमें संजय ने कबूल किया कि उसी ने ट्रेनी डॉक्टर का रेप करने के बाद हत्या कर दी। 

संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान CBI को बताया कि उसने 8 अगस्त को अपने एक दोस्त के साथ शराब पी थी। इसके बाद वह रेड लाइट एरिया गया था। रास्ते में उसने एक लड़की को मॉलेस्ट किया। इसके बाद संजय ने देर रात तक अपनी गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर बात की न्यूड तस्वीरें मांगीं। 
संजय ने बताया कि सुबह करीब 4 बजे संजय हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल पहुंचा, जहां ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद वह सुबह अपने दोस्तो के घर गया । उसका दोस्त कोलकाता पुलिस में ऑफिसर था।

पोर्न देखने का आदी था

टेस्ट से पहले संजय की साइकोएनालिटिक प्रोफाइल से कुछ बातें सामने आई। CBI के अधिकारी ने बताया कि वह विकृत मानसिकता का व्यक्ति और पोर्नोग्राफी का आदी था। उसके फोन में कई अश्लील वीडियो भी मिले हैं।

CFSL की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोलकता पुलिस में वॉलेंटियर संजय की प्रवृत्ति जानवरों जैसी है। पूछताछ के दौरान भी उसे कोई पछताना नहीं था। उसने बिना किसी हिचकिचाहट के पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया। 

कैसे पकड़ा गया था संजय?

9 अगस्त को सुबह क्राइम सीन पर कोलकाता पुलिस को एक ब्लूटूथ ईयरफोन मिला था। CCTV फुटेज में आरोपी संजय सुबह 4 बजे सेमिनार हॉल में अंदर जाते दिखाई दिया।

इस दौरान उसने कानों में ईयरफोन लगाया हुआ था। कुछ देर बाद जब वह हॉल से बाहर आया तो उसके पास ईयरफोन नहीं था। इसके बाद संजय समेत कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया गया।

पुलिस ने क्राइम सीन पर मिले ईयरफोन को सभी संदिग्धों के फोन से कनेक्ट करने की कोशिश की। ईयरफोन संजय के फोन से कनेक्ट हो गया। पूछताछ के दौरान संजय ने रेप और मर्डर की बात कबूली।

स्टूडेंट्स का आरोप- संजय पैसे लेकर मरीजों को बेड दिलाता था

आरजी कर अस्पताल में PGT की स्टूडेंट गौरी सरकार ने दैनिक भास्कर से कहा- कई डॉक्टरों ने हमें बताया कि संजय अस्पताल में दलाली करता था। वो मरीजों को बेड दिलाने के नाम पर अस्पताल लाता और बदले पैसे लेता था।

घटना की रात ट्रॉमा सेंटर में मौजूद डॉ. सौरभ भी संजय के बारे में यही बताते हैं। वे कहते हैं, 'सिविल वॉलंटियर ही मरीजों को अस्पताल लेकर आते हैं। रात में इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में भीड़ होती है। ये सिविल वॉलंटियर दिखने में पुलिस जैसे होते हैं, इसलिए इन्हें कोई नहीं रोकता।’

‘संजय की बड़े अधिकारियों से पहचान थी। वो उन्हें कॉल कर देता था और वो बेड दिलवा देते थे। इमरजेंसी और ट्रॉमा में सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, न्यूरोसर्जरी में डॉक्टर उसकी पहचान वाले थे। वो वहां अक्सर आता-जाता था।'  

 


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