Knowledge News: आप सभी ने रात के समय जुगनू को चमकते तो देखा ही होगा। यह नजारा ज्यादातर गांव वाले इलाकों में नजर आता है। जुगनू अक्सर रात के अंधेरे में खुले स्थानों या कमरों में आ जाते हैं क्योंकि इन्हें अंधेरा पसंद होता है। जब हम जुगनू को चमकते हुए देखते हैं, तो हमारे मन में यह सवाल उठता है कि आखिर वे क्यों चमकते हैं। उनके शरीर से किस प्रकार की शक्ति निकलती है जिससे रोशनी उत्पन्न होती है? इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण होता है।
सबके पहले जुगनुओं को इसने चमकते देखा
वैज्ञानिक रॉबर्ट बायल ने 1667 में जुगनू की खोज की थी। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इसे चमकते हुए देखा। उस समय लोगों का मानना था कि जुगनू के शरीर में फास्फोरस होता है, जिसकी वजह से वे रात में चमकते हैं। हालांकि, बाद में वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च किया और पाया कि जुगनू के शरीर में फास्फोरस नहीं होता। इस धारणा को गलत साबित किया गया और जुगनू के चमकने के सही कारण की खोज की गई।
क्यों चमकते हैं जुगनू
असल में, जुगनू का चमकना उसके पेट में मौजूद लूसिफेरिन नामक प्रोटीन के कारण होता है। जब यह प्रोटीन ऑक्सीजन और लूसिफेरेज नामक एंजाइम के संपर्क में आता है, तो एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है जिससे जुगनू का पेट चमकने लगता है। यह जानकर हैरानी होगी कि जुगनू दिन में भी चमकते हैं, लेकिन दिन की रोशनी में हम यह चमक नहीं देख पाते। रात के अंधेरे में यह चमक सभी को दिखाई देती है।