Main Line And The Loop Line In The Railway: आपने हाल ही में ट्रेन हादसे से जुड़ी हुई बहुत सी खबरें सुनी होगी। यह हादसे रेलवे ट्रेक के खराब होने की वजह से या लूप लाइन और मेन लाइन के बदलने की वजह से होते हैं। इसलिए आज हम आपको रेलवे लाइन के बारे में बताने जा रहे है। आखिर क्या होती हैं मेन लाइन ? दरअसल आपको बता दें कि भारतीय रेलवे ने लाइनों को जिन 3 वर्गों में बांटा हैं, जो इस प्रकार हैं- ट्रंक लाइन, मेन लाइन और ब्रांच लाइन। आज का आर्टिकल आपको बताएंगे कि आखिर इन तीनों लाइनों में फर्क क्या होता है। आइए जानते हैं इन लाइन के बारे में...
रेलवे लाइनें
मेन लाइन यानि मुख्य लाइन होती है। लेकिन इसके अलावा भी लाइन की 2 कैटेगरी और होती हैं।
पहली ब्रांच लाइन और दूसरी ट्रंक लाइन। इनके अलावा एक लूप लाइन होती है, लेकिन इसका काम सिर्फ रेलवे स्टेशन के आसपास होता है। रेलवे लाइन के अनुसार ही रेलगाड़ियों की स्पीड तय होती है।
ये होती है ट्रंक लाइन
भारत के 4 बड़े शहरों दिल्ली मुंबई कोलकाता (हावड़ा) और चेन्नई को मिलाने पर एक स्वर्णिम चतुर्भुज बनता है। इस तरह से जब इन चारों महानगरों से रूट निकलते हैं तो बीच में 2 लाइनें एक दूसरे को काटती हैं। एक लाइन इटारसी से होते हुए दिल्ली से चेन्नई की और जाती है और दूसरी नागपुर से होती हुई मुंबई से कोलकाता जाती है। इस प्रकार इन 6 लाइनों से मिलकर ट्रंक रूट बनता है। लेकिन साल 2,000 के इनमें एक ट्रंक रूट और शामिल हुआ जो दिल्ली से गुवाहाटी के लिए है।
इस प्रकार इन सात रूट की लाइनों को ट्रंक लाइन कहा जाता है। इनपर ट्रेनें अपनी स्पीड से दौड़ती हैं।
क्या होती है मेन लाइन?
इनके अलावा, बची हुई सभी मुख्य लाइनों को मेन लाइन कहा जाता है। मेन लाइन, ट्रंक लाइन से अलग होती हैं। इनमें ट्रंक लाइन नहीं आती है इनपर गाड़ी की स्पीड 100 से 130 Km प्रति घंटा की स्पीड से चलती है।
मेन लाइन और लूप लाइन में अंतर
स्टेशन पर ट्रेन जिस ट्रैक से बिना रुके अपनी रफ्तार से गुजर जाए, वो मेन लाइन होती है।
इसके अलावा जब ट्रेन स्टेशन पर रुकती है और ट्रैक चेंज करके प्लेटफार्म पर आती है तो उसे लूप लाइन कहा जाता है। लूप लाइन सिर्फ स्टेशनों पर होती है और इसकी लंबाई आमतौर पर 750 मीटर तक ही रखी जाती है।
क्या होती है ब्रांच लाइन?
छोटे शहरों के स्टेशनों को मेन लाइन से जोड़ने का काम ब्रांच लाइन का होता है। इसलिए एक ही राज्य के किसी जिले से उसी राज्य की राजधानी तक आने वाली लाइन ब्रांच लाइन होती है। इस पर ट्रेन की रफ्तार 100 Km प्रति घंटे से कम ही रखी जाती है।