भारतीय टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे टेस्ट मौट से पहले एक बड़ी चुनौती सामने आ गई है। भारत को अपने प्लेइंग इलेवन को तैयार करना में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस परेशानी का एकमात्र कारण है खिलाड़ियों का चोटिल होना।
ऑलराउंडर प्लेयर जडेजा पहले ही चौथे टेस्ट से बाहर हो चुके है। इसके बाद अब विहारी के बाद बुमराह को भी चोट के चलते सीरीज के निर्णायक टेस्ट में खेलना मुश्किल लग रहा है। तीसरे टेस्ट के मुकाबले के दौरान बुमराह की पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था। जिसके कारण उनके चौथे टेस्ट को खेलने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार अगले दो दिन के अंदर उनकी चोट को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इससे पहले अनुभवी गेंदबाज़ मोहम्मद शमी और उमेश यादव चोट के कारण सीरीज से बाहर हो चुके हैं।
टीम इंडिया के पास कम हैं विकल्प
15 जनवरी से शुरू होने वाले चौथे टेस्ट के लिए भारत के पास चोटिल खिलाड़ियों को रिप्लेस करने के लिए बहुत ही कम विकल्प मौजूद है। यदि जसप्रीत बुमराह इस टेस्ट से बाहर होते है तो टीम इंडिया के पास उनके विकल्प के तौर पर केवल शार्दुल ठाकुर और नटराजन मौजूद है। हालांकि ठाकुर के अनुभव के चलते वो टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद हो सकते हैं।
वाशिंगटन सुंदर हो सकते हैं टीम में शामिल
तीसरे टेस्ट के दौरान अंगूठे में चोट लगने के कारण चलते बाहर हुए जडेजा ऑलराउंडर के तौर पर भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ विकल्प थे। गेंदबाज़ी के साथ साथ वो अपनी बल्लेबाज़ी से भी कमाल कर रहे थे। तीसरे टेस्ट में उनकी फील्डिंग से भारतीय टीम के एक बड़ी सफलता मिली थी। अब अगर टीम इंडिया ब्रिसबेन टेस्ट में पांच गेंदबाज़ों के साथ उतरती है तो उसके पास एकमात्र विकल्प वाशिंगटन सुंदर हैं जो कि एक बॉलिंग ऑलराउंडर हैं।
पांच गेंदबाज़ों के साथ खेले भारत- वेंगसरकर
पूर्व भारतीय कप्तान वेंगसरकर का कहना कि है कि भारत को ब्रिसबेन टेस्ट में 5 गेंदबाज़ों के साथ उतरना चाहिए। उन्होंने कहा, "चौथे टेस्ट में चार गेंदबाज़ों के साथ उतरना जोखिम भरा हो सकता है। मैच के दौरान यदि किसी गेंदबाज़ को चोट लग जाती है तो आपके पास केवल 3 गेंदबाज़ों का ही विकल्प रह जाएगा।"