कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान दिया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत के लिए चार सदस्यों की कमेटी बनाई है। कमेटी में शामिल 4 लोगों ने सार्वजनिक तौर पर पहले से ही निर्णय कर रखा है कि ये काले क़ानून सही हैं और कह दिया है कि किसान भटके हुए हैं। ऐसी कमेटी किसानों के साथ न्याय कैसे करेगी?
ये काले कानून देश की खाद्य सुरक्षा पर हमला हैं, जिसके 3 स्तंभ हैं- सरकारी खरीद, एमएसपी, राशन प्रणाली जिससे 86 करोड़ लोगों को 2 रुपये किलो अनाज मिलता है। इसलिए कांग्रेस 3 कृषि क़ानूनों का विरोध तब तक करती रहेगी जब तक मोदी सरकार इन्हें खत्म नहीं कर देती।
जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। सीजेआई शरद अरविन्द बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाई है। साथ ही चार सदस्य कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने जिस कमेटी का गठन किया है। उसमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल घनवंत शामिल हैं। ये कमेटी सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को ही सौंपेगी। जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आएगी तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक रहेगी।