Sambhal Violence Update: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई भारी हिंसा पर पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई करना शुरु कर दिया है। पुलिस ने 21 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं 24 घंटे के लिए पूरे इलाके की इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई और स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। खबरों के मुताबिक हिंसा में अब तक चार लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। वहीं 20 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है। हिंसा में दोषी पाए जाने वालों पर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले की विस्तार से जांच जारी है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संभल हिंसा पर दिया बयान
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संभल हिंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘न्यायपालिका के आधार पर वहां सर्वे का काम चल रहा था, जो घटना हुई वो दुखद है, निषपक्ष कार्रवाई होगी’।
क्यों भड़की हिंसा?
जामा मस्जिद के स्थान पर प्राचीन हरिहर मंदिर होने का दावा किया जा रहा है, जिसको लेकर हिंदू पक्ष द्वारा याचिका लगाई गई थी, जिला कोर्ट के आदेशानुसार रविवार को मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था और मस्जिद के बाहर भारी संख्या में हिंसा भड़क उठी जो देखते-देखते आगजनी पत्थरबाजी में तबदील हो गई।
यह बवाल लगभग डेढ़ घंटे तक चला, मस्जिद के पीछे उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर जमकर पथराव किया, सड़क किनारे खड़े वाहनों में आग लगा दी गई, जिससे कार व बाइकें जलकर खाक हो गई। मंजर इतना भयावय कर दिया गया कि नगर पालिका की टोमें लगानी पड़ी, पालिका के कर्मचारियों ने कई ट्रैक्टरों में ईंट-पत्थरों व चप्पलों को भरकर रास्ता साफ करवाया औऱ जेसीबी की मदद से जले हुए वाहनों को हटाया गया।
बता दें कि 19 नवंबर को हिंदू पक्ष द्वारा दावा पेश करने के दिन ही न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। उसी दिन कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था। करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।
हिंसा पर राहुल गांधी का बयान
इस हिंसा पर विपक्षी नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा है कि उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं है। प्रशासन द्वारा बिना पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना- जिसकी सीधी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।
हिंसा पर अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘सर्वे के नाम पर तनाव फैलाने की साज़िश का ‘सर्वोच्च न्यायालय’ तुरंत संज्ञान ले और जो अपने साथ सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाज़ों को ले गये। उनके ख़िलाफ़ शांति और सौहार्द बिगाड़ने का मुक़दमा दर्ज हो और उनके ख़िलाफ़ ‘बार एसोसिएशन’ भी अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई करें। उप्र शासन-प्रशासन से न कोई उम्मीद थी, न है। कृपया सुप्रीम कोर्ट दखल दे अन्याय चरम पर कर दिया है आदित्यनाथ ने’।