मौसम में हुए जरा से बदलाव और जलावायु परिवर्तन की सीधा संबंध तापमान से होता हैं। किंतु इस वर्ष उत्तराखंड के चार धामों समेत उच्च परिवर्तीय क्षेत्रों में बर्फबारी होने से भी तापमान में गिरावट दर्ज नहीं की गई बल्कि इस वर्ष तीन बार हुई बर्फबारी के बावजूद तापमान में वृद्दी दर्ज की गई है। ऐसे में बर्फबारी होने का बाद भी तापमान में बढ़त से मौसम वैज्ञानिकों की चिंता को अत्याधिक बढ़ा दिया है।
बता दें कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालयी क्षेत्र में आने वाले 10 वर्षों में तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर जा सकता है। तापमान में सिर्फ इतनी बढ़ोतरी पूरे हिमालय की ईको-सिस्टम पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है।
3500 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में हो सकती है बर्फबारी
वहीं मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में आज उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही 3500 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में बारिश और ओलावृष्टी के साथ-साथ बर्फबारी भी देखने को मिल सकती है।
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