राजधानी में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि बहुत जरूरी होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें, चेहरे पर मास्क लगाएं, सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें और सामाजिक दूरी बनाए रखें। उन्होंने रविवार को कहा कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 10,732 नए मामले आने के साथ ही शहर में हालात बेहद गंभीर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्थिति पर नजर रखे हुए हूं और जो करने की जरूरत है हम वो सब कर रहे हैं। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि लॉकडाउन कोविड-19 से निपटने का समाधान नहीं है। अगर अस्पताल व्यवस्था चरमरा जाती है तभी लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए।"
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि हम लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं लेकिन कल सरकार ने मजबूरी में कुछ पाबंदियों के आदेश दिए हैं। इस वक़्त का पीक नवंबर से भी खतरनाक है। संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, "अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए बिस्तर खाली रखे जाने चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि सभी लोग अस्पताल पहुंच जाएं और कोई बिस्तर खाली न रहे तथा फिर तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा।"
मुख्यमंत्री ने कहा, 'दिल्ली में कोरोना के 65% मरीज़ 35 साल से कम उम्र के हैं, फिर कोरोना रूकेगा कैसे? कोरोना का चक्र तब ही टूटेगा जब वैक्सीनेशन होगा। केंद्र सरकार ने बहुत पाबंदियां लगा रखी हैं मेरा केंद्र से निवेदन है कि वो पाबंदियां हटा दें।' वहीं, केजरीवाल ने सभी राजनीतिक दलों से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मिलकर काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह वक्त राजनीति करने या एक-दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है।