गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी में ‘समुद्र मंथन’, ‘अमृत कलश’ और संगम तट पर डुबकी लगाते साधु-संतों के प्रदर्शन के साथ प्रयागराज में जारी महाकुंभ की झलक देखने को मिली। उत्तर प्रदेश की झांकी में ‘विकास’ और ‘विरासत’ का अद्धभुत ‘संगम’ भी प्रदर्शित किया गया।
झांकी के अगले हिस्से में आगे की ओर झुके हुए ‘अमृत कलश’ की प्रतिकृति प्रदर्शित की गई, जो पवित्र ‘अमृतधारा’ के प्रवाह का प्रतीक थी। उसके इर्द-गिर्द शंख बजाते, संगम में पवित्र स्नान करते और ध्यान लगाते साधु-संतों के अलावा गंगा, यमुना, सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं को दर्शाया गया।
वहीं, झांकी के पैनल पर भित्ति चित्रों और स्क्रीन के माध्यम से ‘अखाड़ों’ और ‘अमृत स्नान’ के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को दर्शाया गया। इसके मध्य में ‘समुद्र मंथन’ की पौराणिक कथा का सजीव चित्रण किया गया है, जो महाकुंभ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। झांकी के पिछले हिस्से में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को दर्शाया गया है।