इन दिनों प्रदूषण (Pollution) का स्तर लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, हवा इतनी जहरीली है कि सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि वायु प्रदूषण महिलाओं और पुरुषों की फर्टिलिटी को कम कर सकता है। कई शोध की मानें तो वायु प्रदूषण भी गर्भपात के प्राथमिक कारणों में से एक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रदूषित हवा में सांस लेना गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान जितना खतरनाक माना जाता है।
शिशु के मौत का खतरा बढ़ जाता है
वायु प्रदूषण शिशुओं के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। जब आप नियमित रूप से प्रदूषण की चपेट में आते हैं तो शिशु की मौत का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान आप खुद को प्रदूषण से बचाकर रखें ताकि आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहें।
बच्चे का वजन कम हो सकता है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सामान्य गर्भधारण के दौरान, प्रसव 38 से 40 सप्ताह में होता है और बच्चे का वजन लगभग छह से नौ पाउंड होता है। यदि गर्भावस्था में बच्चे का वजन पांच पाउंड और आठ औंस से कम है, तो बच्चे को कमजोर और कम वजन वाला माना जाता है। कई कारणों से कम वजन की डिलीवरी हो सकती है। हालांकि, प्रेग्नेंट होने के दौरान खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में आना एक प्रमुख कारण माना जाता है।
बच्चों में ऑटिज्म विकसित होने का खतरा
गर्भवती महिलाएं, जब गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक वायु प्रदूषण के संपर्क में आती हैं, तो उनके बच्चों में ऑटिज्म विकसित होने का खतरा उन महिलाओं की तुलना में अधिक होता है, जो स्वच्छ हवा में सांस लेती हैं। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि वायु प्रदूषण में बड़ी संख्या में संदूषक होते हैं, जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास को बाधित कर सकते हैं।