भारत पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर (Attari Border) पर बीते 70 दिनों से फंसी एक महिला ने 2 दिसंबर को अपने बच्चे को जन्म दिया। बॉर्डर (Border) पर बच्चे का जन्म होने के कारण इस दंपति ने नवजात का नाम ही 'बॉर्डर' रखा डाला। बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत के राजनपुर जिले के निवासी नींबू बाई और बलम राम अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के साथ पिछले कई दिनों से बॉर्डर पर रह रहे हैं।
अचानक दो दिसंबर को नींबू बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला को प्रसव पीड़ा में देख पास के पंजाब गांव से कई महिलाएं डिलीवरी में मदद के लिए वहां पहुंची। इस दौरान अन्य सुविधाओं के अलावा स्थानीय लोगों ने मां और बच्चे के लिए चिकित्सकीय व्यवस्था भी की। इस पर नींबू बाई और बलम राम ने बताया कि भारत-पाक सीमा पर बच्चे का जन्म होने के कारण उन्होंने अपने बच्चे का नाम बॉर्डर रखा है।
महिला के पति ने बताया कि वह और अन्य पाकिस्तानी नागरिक भारत में तीर्थ पर आए थे लेकिन कुछ दस्तावेज न होने की वजह से वे बॉर्डर पर ही फंस गए। यहां पर रह रहे 97 लोगों में से करीब 47 बच्चे हैं। इनमें से छह बच्चों का जन्म भारत में हुआ और इनकी उम्र एक साल से कम है।
बलम राम के अलावा, उसी टेंट में रहने वाले एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक लाग्या राम ने भी अपने बेटे का नाम 'भारत' रखा है। उनका बेटा जोधपुर में साल 2020 में जन्मा था। लाग्या अपने भाई से मिलने जोधपुर आए थे लेकिन वापस पाकिस्तान नहीं जा सके। बता दें कि अटारी बॉर्डर पर अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट के पास ये परिवार टेंट लगाकर रह रहे हैं। यहां स्थानीय लोग इन्हें दिन में तीन बार का खाना, दवाएं और कपड़े देते हैं।