प्रदेशभर के दस जिलों में आउटसोर्सिंग ( ठेकेदारी ) वाले कर्मियों का समय से वेतन नहीं देने, वेतन कम देने, पीएफ और ईएसआई में गोलमाल संबंधी मामलों पर नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार को प्रदेश के गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज ने दस जिलों के सीएमओ के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से एक्शन लेने का आदेश जारी कर दिया है।
ठेकेदारी प्रथा पर रखे हुए कर्मियों के मामलों में गंभीरता नहीं दिखाने वाले लगभग दस जिलों के सीएमओ के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए हैं। इनको अडंर रुल-7 के तहत चार्जशीट का आदेश है, इसके अलावा ठेकेदारों के विरुद्ध लेबर एक्ट के उल्लंघन और आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज कराने की तैयारी है।
शुक्रवार देर शाम को गृह एवं सेहत मंत्री विज ने अफसरों को इस संबंध में तुरंत एक्शन लेने का आदेश जारी किया। अनिल विज ने पूरे मामले में बताया कि अंबाला, जींद, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक, यमुनानगर, पंचकूला, पानीपत, रोहतक आदि जिलों में आउटसोर्सिंग पर लगे कर्मियों को वेतन समय से नहीं दिए जाने, वेतन देने की सूरत में कम देने, पीएफ और ईएसआई नहीं काटने, उसमें गोलमाल करने संबंधी शिकायतें मिल रहीं थी।
इस बारे में संबंधित जिलों में सीएमओ को लिखा गया था, ताकि वेतन समय पर दिया जाए। सितंबर में विज ने इस तरह की हरकतों में शामिल कुछ ठेकेदारों पर शिकंजा कसने का आदेश भी जारी किया था। लेकिन आदेश को हलके में लेने वाले ठेकेदारों और सीएमओ पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गई है।