सरकार ने कहा कि पूरे देश में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों को एकसमान बनाये रखने के लिए कोई योजना विचाराधीन नहीं है और अभी तक जीएसटी परिषद ने तेल और गैस को जीएसटी (माल एवं सेवा कर) में शामिल करने की कोई सिफारिश नहीं की है। लोकसभा में उदय प्रताप सिंह और रोडमल नागर के प्रश्न के लिखित उत्तर में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
दरअसल, सदस्यों ने पूछा था कि क्या सरकार पूरे देश में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों को एकसमान बनाये रखने के लिये कोई योजना तैयार कर रही है। इस पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "ऐसी कोई योजना सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।" उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल के मूल्य, वैट (मूल्य वर्धित कर), स्थानीय वसूलियों जैसे घटकों के कारण विभिन्न बाजारों में अलग-अलग होते हैं।
वहीं, एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2010 से संप्रग सरकार के समय से ही पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर तय होती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 32 रूपये लिये जाते हैं और इसका उपयोग 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सहायता देने के अलावा लोगों को नि:शुल्क टीका लगाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि में किया जाता है।