हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के चलते लोग दहशत में हैं। प्रदेश में बर्ड फ्लू की वजह से चिकन के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं। यहां थौक में चिकन 50 से 60 रूपये किलो मिल रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी ग्राहक चिकन खरीदने को तैयार नहीं है। ऐसे में बर्ड फ्लू के खौफ से राज्य में चिकन और अंडों की डिमांड कम हो गई है। ऐसे में चिकन और अंडों की मांग में 50 से 70 फीसदी की गिरावट देखी गई है। दामों में भारी गिरावट के बावजूद लोग चिकन और अंडों का सेवन करने से फिलहाल बच रहे हैं।
इससे पोल्ट्री का कारोबार करने वाले व्यापारियों के व्यवसाय पर इसका असर साफ दिख रहा है। वही, कांगड़ा जिले में भी बर्ड फ्लू के चलते चिकन के दाम कमी देखी गई हैं। मौजूदा समय में मुर्गे का मीट अब 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। बावजूद इसके लोग चिकन खरीदने से परहेज कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में थोक में मुर्गा 60 रुपये प्रति किलो के नीचे आ गया है।
ऐसे में पोल्ट्री फार्म का कारोबार करने वाले व्यापारियों का दावा है कि अभी तक चिकन में बर्ड फ्लू की दस्तक नहीं हुई है। इसके बावजूद ग्राहकों में खौफ के चलते ही चिकन सस्ता हो गया है। दो दिन में ही चिकन के भाव प्रति किलो 100 रुपये तक कम हो गए हैं, जिससे होटलों को होने वाली सप्लाई पर भी असर पड़ा है। देखते ही देखते दो-तीन दिन में चिकन की डिमांड काफी कम हो गई है।
इसके अलावा शिमला में चिकन-अंडों की मांग 50 फीसदी तक घट गई है। मंडी जिले में बर्ड फ्लू की आशंका से अंडे, चिकन और मछली के कारोबार में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। वही, पनीर, खोया और मटर की डिमांड बढ़ गई है।