कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को लोकसभा में लिखित जवाब में कहा है कि कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है। तोमर ने कहा, कृषि मंत्रालय के पास किसान आंदोलन की वजह से किसी किसान की मौत का कोई भी रिकॉर्ड सामने नहीं आया है। ऐसे में मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजे देने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता।
दरअसल, लोकसभा में सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार के पास आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई रिकॉर्ड है। और अगर है तो क्या सरकार आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देगी। यदी ऐसा है, तो सरकार इसकी विस्तृत जानकारी दे, अगर नहीं है, तो भी सरकार इसका कारण बताए।
ये है किसानों का दावा
सरकार ने भले ही कृषि आंदोलन के दौरान किसी भी किसान की मौत न होने का दावा किया है, लेकिन किसान संगठनों का दावा सरकार से बिल्कुल उलट है, किसान संगठनों का कहना है कि पिछले 1 साल से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान करीब करीब 700 किसानों की मौत हुई है। और वे इन किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।