महाशिवरात्रि का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। आज यानी 11 मार्च 2021 को देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है। इस दिन शिव योग के साथ सिद्ध योग भी बन रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों पर शिव भगवान की कृपा बरसेगी।
जलाभिषेक में गाय के दूध का महत्व
महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा में गाय के दूध का विशेष महत्त्व है। क्योंकि गाय का दूध सबसे अधिक पवित्र और उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर स्नान करने से मानसिक तनाव दूर होता है और चिताएं कम होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जल में दूध मिलाकर जलाभिषेक करने से या शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
इस तरह करें जलाभिषेक
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा करते समय बेल पत्र, शहद, दूध, दही, शक्कर और गंगाजल से जलाभिषेक करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। इससे शिवभक्त को कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
विशेष है इस बार की महाशिवरात्रि
इस बार महाशिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां पड़ रही हैं। इस लिए जलाभिषेक का महत्त्व और भी बढ़ गया है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर्व पर त्रयोदशी व चतुर्दशी में जलाभिषेक का विधान बताया गया है। त्रयोदशी तिथि 10 मार्च को दोपहर बाद 2.40 मिनट से शुरू हो रही है और यह 11 मार्च को 2.40 बजे त्रयोदशी समाप्त होगी उसके बाद तुरंत बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी।