स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ हमीरपुर में आज सुबह हुई मुठभेड़ में विकास दुबे का दाहिना हाथ माना जाने वाला अमर दुबे मारा गया। बता दें कि पिछले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में विकास दुबे ने आठ पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही वह कानपुर पुलिस के लिए मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शुमार है। विकास दुबे इस नरसंहार का एक नामजद आरोपी था।
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, पुलिस की टीम को जिले में अमर दुबे की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। जब उन्होंने उसे घेरने की कोशिश की, तो अपराधी ने उन पर गोलियां चला दीं। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें वह करीब 6.30 बजे मारा गया। बता दें कि अमर मौदहा इलाके में अपने एक रिश्तेदार के घर जा रहा था।
वही, सूत्रों ने कहा, 'हमने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था, लेकिन उसने फायरिंग कर दी और जब हमने जवाबी कार्रवाई की तो वह मारा गया।' जानकारी के मुताबिक, अमर दुबे पहले फरीदाबाद में छिपा था, लेकिन पुलिस का दबाव बढ़ने के कारण वह वहां से भाग निकला।
बता दें कि अमर और विकास दुबे का भरोसेमंद साथी था और नरसंहार के बाद कानपुर पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इसी दौरान कुछ र्पिोटों में दावा किया गया है कि विकास दुबे को भी मंगलवार रात फरीदाबाद के एक होटल में देखा गया था, लेकिन पुलिस के उस तक पहुंचने से पहले ही वो भाग गया।