चीन में काम कर रही भारतीय कंपनियों और उद्योगों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने कोविड-19 की वजह से लागू वीजा और यात्रा अंकुशों के जारी रहने पर चिंता जताई है। इन कार्यकारियों का कहना है कि अंकुशों की वजह से उनकी गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। इन कार्यकारियों ने यह चिंता चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी के साथ बातचीत में जताई। बता दें कि मिसरी शंघाई की यात्रा पर हैं।
उन्होंने भारत की आजादी के 75 साल होने के सिलसिले में आयोजित किए जा रहे अमृत महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान मिसरी ने शंघाई के आसपास स्थित भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी की। बता दें कि शंघाई चीन का कारोबारी केंद्र है। इस बैठक के दौरान आठ क्षेत्रों मसलन कपड़ा, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण, रसायन और सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मिसरी ने ट्वीट किया, "शंघाई में भारतीय कारोबारी प्रतिनिधियों से बातचीत की। इस बातचीत में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए।" वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने कहा, "मिसरी के साथ बैठक के दौरान सीईओ ने बताया कि चीन द्वारा कोविड-19 उपायों के तहत वीजा और यात्रा अंकुश जारी रखे हुये हैं। इससे उन्हें परिचालन में दिक्कत आ रही है।"
सूत्रों ने बताया कि मिसरी ने मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को आश्वस्त किया कि भारतीय दूतावास यात्रा अंकुशों के मुद्दे पर चीन के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा। बता दें कि चीन ने पिछले साल नवंबर में यात्रा अंकुश लगाए थे। उसके बाद भारत और चीन के बीच यात्रा रुकी हुई है। इसके अलावा चीन ने भारतीय नागरिकों के वीजा और निवास परमिट निलंबित कर दिए थे। इन अंकुशों की वजह से 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी और सैकड़ों कारोबारी, कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य भारत में ही रह रहे हैं। अभी दोनों देशों के बीच उड़ानों का परिचालन नहीं हो रहा है।