Jharkhand Assembly Election: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए भाजपा ने रोटी, बेटी और माटी बचाने का सकंल्प परिवर्तन यात्रा में दिया। भाजपा के इस संकल्प को राज्य की महिलाओं का खासकर समर्थन मिल रहा है, महिलाएं पोटली में मिट्टी लेकर भाजपा की परिवर्तन यात्रा में आ रही हैं और कह रही हैं कि ''यहां माटी, बेटी और रोटी सुरक्षित नहीं है।'
गौरतलब है कि झारखंड से ऐसी खबरें अक्सर आती है कि बांग्लादेसी घुसपैठिए आदिवासी लड़कियों से शादी कर जमीन हड़पकर लैंड जिहाद करते हैं। ऐसी घटनाएं अक्सर बढ़ती जा रही है। ऐसे में भाजपा अपने इस सकंल्प से राज्य की समस्या का समाधान करना चाहती है।
भाजपा के इस संकल्प का मतलब है- माटी से अभिप्राय है बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के कब्जाएं जमीन को सुरक्षित करना, बेटी से अभिप्राय है कि बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा और रोटी का मतलब रोजगार से है।
झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान
झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान बोले, "झारखंड की माताएं, बहनें, बेटियां अपील कर रही हैं कि झारखंड की माटी, रोटी, बेटी संकट में है। माटी मतलब विदेशी घुसपैठियां आ रहे हैं, बेटी मतलब बेटियां सुरक्षित नहीं है और रोटी मतलब रोजगार नहीं है और इसलिए वो अपील कर रही हैं कि माटी, रोटी, बेटी बचा लीजिए। मैं अपनी बहनों को भाजपा की ओर से कहना चाहता हूं कि हम माटी, रोटी, बेटी को सुरक्षित करेंगे। भाजपा का संकल्प है कि हम रोजगार भी देंगे और विदेशी घुसपैठ नहीं होने देंगे।''
झारखंड HC ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए
झारखंड में काफी समय से चल रहे लैंड जिहाद को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि - बांग्लादेशी घुसपैठ पर सरकार ना-ना करती है लेकिन इलाकों में जनजातीय जनसंख्या कैसे घट रही है? इसपर चुप्पी साध लेती है। हेमंत सोरेन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार केंद्र सरकार पर दोष मढ़ते हैं। वो कहते हैं कि अगर विदेशी लोग हमारे यहां आ रहे हैं तो इसपर केंद्र सरकार को कार्रवाई करना चाहिए। कभी कहते हैं कि ये बिहार और झारखंड के लोग हैं।
भाजपा का वादा घुसपैठियों को करेंगी बाहर
राज्य सरकार इन बांग्लादेशी घुसपैठियों पर खामोश है। भले ही वो आदिवासियों के नाम पर अपनी राजनीति चमकाए लेकिन उनके हक-अधिकारों के लिए वह कोई काम नहीं करना चाहते हैं। लेकिन भाजपा ने वादा किया है कि झारखंड में सत्ता में आते ही वह सबसे पहले इन अवैध प्रवासियों को बाहर करेगी। सत्ता में आने से पहले ही केंद्र की मोदी सरकार ने ईडी को घुसपैठियों की जांच में लगा दिया है। इनको हटना केंद्र की प्राथमिकताओं में शामिल है।
झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आदिवासी समुदायों के अस्तित्व और पहचान का संकट है।