हिसार के गांव ढंढूर में देर रात एक मकान की छत गिरने से एक परिवार मलबे के नीचे दब गया। मलबे के नीचे दबने से एक महिला व एक बच्ची की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया। मकान की छत गिरने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बचाव अभियान शुरू किया और मलबे के नीचे से परिवार को निकालकर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया जहां लगभग 40 वर्षीय रानी देवी व 8 वर्षीय इंदू की मौत हो गई। भीमसिंह अस्पताल में उपचार चल रहा है।
रानी देवी व इंदू का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया लेकिन ग्रामीणों ने दोनों के शव उठाने से मना कर दिया। जानकारी के अनुसार ढंढूर बीड़ में शुक्रवार की रात को लगभग 45 वर्षीय भीम सिंह अपनी पत्नी 40 वर्षीय रानी देवी व बहन की पोती 8 वर्षीय इंदू के साथ मकान में सोया हुआ था। रात को करीब पौने एक बजे के आसपास अचानक मकान की छत गिर गई। मकान के मलबे के नीचे दबे परिवार के सदस्य बचाव के लिए आवाज लगाते रहे लेकिन पंखों व कूलर की आवाज के चलते पड़ोस के रहने वाले लोगों को उनकी आवाज सुनाई नहीं दी। कल सुबह लगभग साढ़े तीन बजे के आसपास एक पड़ोसी के लघुशंका के लिए उठने पर इस घटना की बारे में पता लगा तो उसने आसपास के लोगों को जगाया और घटना की जानकारी दी।
थोड़ी ही देर में यह सूचना गांव में आग की तरह फैल गई और ग्रामीण बचाव कार्य में जुट गए। ग्रामीणों ने मलबे के नीचे दबे भीमसिंह, उसकी पत्नी रानी देवी व 8 वर्षीय बच्ची इंदू को बाहर निकाला। ग्रामीणों ने एंबुलेंस की मदद से तीनों को अस्पताल में पहुंचाया जहां रानी देवी व इंदु की मौत हो गई जबकि भीमसिंह के पैर में फ्रैक्चर हो गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने हादसे की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। भीम सिंह और उसकी पत्नी रानी देवी मजदूरी करते थे। मकान की छत कच्ची थी। भीम सिंह ने अपनी बहन गुडडो देवी की दोहती इंदू को गोद लिया हुआ था। बीपीएल परिवार का होने के बावजूद भी भीम सिंह को पक्का मकान बनाने के लिए राशि नहीं मिली थी।