Himachal Day 2025: हर साल 15 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश अपना स्थापना दिवस मनाता है। हिमाचल की हरी भरी वादियां और वह की संस्कृति की उसकी पहचान है। 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश अस्तित्व में आया था। उस समय हिमाचल की कनेक्टिविटी और आधारभूत ढांचा बहुत कमजोर था। शिक्षा और मूलभूत सुविधाएं भी लोगों तक नहीं पहुंची थी।
मॉडल स्टेट बन चुका है हिमाचल प्रदेश
अपने हरी भरी वादियों के साथ -साथ हिमाचल प्रदेश मॉडल हिल स्टेट बन गया है। भारत के अपने पहाड़ी राज्य ही नहीं, दुनिया के देश भी इस आदर्श पर्वतीय प्रदेश के मॉडल का अध्ययन करने के लिए अपनी टीमें भेज रहे हैं। शिक्षा, आधारभूत ढांचा विकास, पर्यटन, बागवानी, हरित ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में हिमाचल ने मिसाल पेश की है। इसके साथ ही आज यहां आम आदमी का जीवन स्तर भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहतरीन है। रोटी, कपड़ा और मकान की मूलभूत चिंताओं से आगे निकल कर हिमाचल तरक्की के नए आयाम स्थापित कर रहा है। तमाम आर्थिक और अन्य चुनौतियों का सामना करते इस पहाड़ी प्रांत की प्रतिव्यक्ति आय 2,57,212 रुपये पहुंच गई है।
प्रदेश को 77 साल में मिले सात मुख्यमंत्री
हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के समय हिमाचल में सड़कों का जाल बिछने लगा। यहां कृषि-बागवानी, पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग जैसे क्षेत्रों में भी हिमाचल उन्नति करने लगा। डॉ. परमार के बाद रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेमकुमार धूमल और जयराम ठाकुर जैसे मुख्यमंत्रियों के हाथ में हिमाचल प्रदेश की कमान रही। तमाम चुनौतियों के बीच सबने अपना-अपना योगदान दिया। कई आपदाएं और आर्थिक संकट भी झेले। अब सुखविंद्र सिंह सुक्खू के हाथ में बागडोर है, जो सीमित साधनों और कर्ज में डूबे हिमाचल प्रदेश को 2032 तक देश का सबसे अमीर राज्य बनाने का संकल्प ले चुके हैं।