हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच आत्महत्या का पहला मामला सामने आया है। शिमला के डीडीयू में आधी रात को एक संक्रमित महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला शिमला के चौपाल की रहने वाली बताई जा रही है। मामले की पुष्टि पुलिस अधीक्षक शिमला मोहित चावला ने की है। उन्होंने बताया कि 54 वर्षीय महिला को कोरोना पॉजिटिव आने पर 18 सितम्बर को चौपाल से डीडीयू रेफर किया गया था।
महिला उस समय से डीडीयू के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट थी। महिला ने बीती रात 12 बजे फंंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला पिछले चार साल से ब्लड प्रेशर की मरीज थी और इसके सिर में दर्द भी रहता था। महिला का इलाज शिमला के आईजीएमसी से चल रहा था। फिलहाल पुलिस मौके पर मौजूद है और मामले की जांच की जा रही है।
वही, मृतक महिला के परिवार के सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिवार का आरोप है कि महिला को ठीक तरह से इलाज नहीं मिल रहा था और इलाज ना मिलने के कारण वह परेशान हो गई थीं। मृतक महिला के देवर सुखराम का कहना है कि बीती रात 10 बजे फोन पर महिला से उनकी बात हुई थी। उन्होंने कहा कि फोन पर बात करते समय उनकी भाभी परेशान लग रही थी। महिला के देवर ने आरोप लगाया है कि परिवार अस्पताल प्रशासन उनकी सही तरीके से देख-रेख नहीं कर रहा था और उनके पास सुविधा के लिए उनके पास कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं जाता था।
उनका कहना है कि जिस तरह से उनकी भाभी की जान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण चली गई, अब किसी अन्य मरीज की जान लापरवाही के कारण आ जाए। वहीं, जब जनता टीवी ने अस्पताल प्रशासन से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। फिलहाल, जिला प्रशासन ने इस बाबत मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं।
शिमला के जिला उपायुक्त अमित कश्यप का कहना है कि मामले में की जांच में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि 10 दिनों के अंदर उन्होंने रिपोर्ट तलब की है और यदि किसी प्रकार की लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।