किसानों पर दर्ज मामलों को लेकर हरियाणा सरकार (Haryana Government ) की नजर अब केंद्र (central government ) पर टिकी हुई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar lal ) ने स्पष्ट कर दिया है कि जैसे ही किसान आंदोलन को खत्म करने का एलान करेंगे और केंद्र से दिशा निर्देश जारी होंगे। उसके बाद ही राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। माना जा रहा है कि तीन कृषि कानूनों को वापस (Farm laws repealed ) लिए जाने के बाद आंदोलन (Farmers Protest ) समाप्ति होने की राह पर है। सीएम खट्टर ने साफ कर दिया है कि केंद्र की ओर से कोई फैसला लिए जाने के बाद में ही राज्य सरकार इस संबंध में कोई विचार करेगी।
सीएम का कहना है कि गंभीर मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों को वापस लेने पर विचार करेंगे। हालांकि, हरियाणा में 200 मामलों को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। सरकार इस मामले में केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद ही कोई फैसला करेगी। दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) मामले को राज्यों का अधीन क्षेत्र बताकर राज्यों पर फैसला लेने की बात पहले ही बोल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में आंदोलन अंतिम दौर में होगा, तो केंद्र के निर्देश पर सरकार फैसला लेगी। किसान आंदोलन और एमएसपी (MSP) को लेकर कानून के सवाल पर मनोहर लाल ने कहा कि पीएम समेत वह खुद भी किसानों से घर लौटने का आह्वान कर चुके हैं। राज्य में किसानों पर देशद्रोह से लेकर हत्या के प्रयास तक की गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हो चुके हैं।