कुछ दिनों पहले यूपीएससी ने Civil services Exam का रिजल्ट घोषित किया है। यह एग्जाम सभी कॉम्पिटिटिव एग्जाम में सबसे ज्यादा मुश्किल होता है। इस एग्जजाम को पास करने के लिए विद्यार्थियों को तीन लेवल से गुजरना पड़ता है, तब जाकर यह पेपर पास किया जाता है। जो कैंडिडेट इस एग्जाम को पास कर लेते है उन्हें IAS, IPS और IFS ऑफिसर के पद के लिए चुना जाता है। कई बच्चों या बड़ों को इस पेपर से जुड़ी कई जानकारियां नहीं होती उन्हें सिर्फ इतना पता होता है कि यह पेपर पास करने पर एक बड़ा ऑफिसर पद की जिम्मेदारियां मिल जाती हैं। इसलिए आज हम ये आर्टिकल लिख रहे है ताकि आपको यह जानकारी हो सकें कि सिविल एग्जाम पास करने के बाद कैंडिडेट को किस पद के लिए चुना जाता है साथ ही उन्हें किस प्रकार की जिम्मेदारियां दी जाती हैं। चलिए जानते हैं...
ऐसे चुनें जाते हैं IAS और IPS ऑफिसर
IAS
IAS का पूरा नाम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस होता है। सिविल सर्विस के एग्जाम में जो कैंडिडेट टॉप रैंक प्राप्त करता है उन्हें IAS के पद पर नियुक्त किया जाता है। एक IAS ऑफिसर के पास पूरे डिस्ट्रिक्ट के सभी डिपार्टमेंट्स की रिस्पॉन्सिबिलिटी होती है, जिलाधिकारी के तौर पर वो काफी पॉवरफुल व्यक्ति होता है। इसके साथ ही उन्हें कई दूसरे डिपार्टमेंट्स का भी मुखिया माना जाता है। क्षेत्र में धारा 144 लगाने का फैसला, भीड़ पर कार्रवाई करने का फैसला या फिर किसी तरह की फायरिंग का फैसला आदि जैसे लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी फैसले जिलाधिकारी के पास होते हैं।
IPS
-IPS का पूरा नाम इंडियन पुलिस सर्विस होता है। सिविल सर्विस के एग्जाम में जो कैंडिडेट अच्छी रैंक हासिल करते हैं उन्हें आईपीएस ऑफिसर बनाया जाता है। आईपीएस ऑफिसर के पास भी जिले के सभी पुलिस अधिकारी हाजिरी लगाते हैं। इन पुलिस आधिकारियों में जिसमें SP, DSP अधिकारी भी शामिल होते हैं। आईपीएस ऑफिसर जिले के सभी कामकाजों का प्रभारी होता है।
-वो पुलिस व्यवस्था में कोई गड़बड़ी दिखने पर समाधान खोजने का काम करता है। अपने इलाके में शांति कायम करने की जिम्मेदारी भी आईपीएस अधिकारी की होती है। लॉ एंड ऑर्डर में सुधार करना और अपने इलाके के लोगों की सुरक्षा करना भी आईपीएस अधिकारी की जिम्मेदारी होती हैं।
IFS
- IFS का पूरा नाम इंडियन फॉरेन सर्विस होता है। IFS ऑफिसर का दायरा एक IAS ऑफिसर से बड़ा होता है। क्योंकि ये अधिकारी विश्व मंचों पर देश को रिप्रेजेंट करने का काम करते हैं। इन अधिकारियों द्वारा किए गए कामों का प्रभाव सीधे देश की छवि पर पड़ता है। आपको एक बात बता दें कि IFS ऑफिसर बनने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी इंग्लिश लेंग्वेंज की नॉलेज होना है। क्योंकि इन्हें दूसरे देशों के राजदूतों, नेताओं और अधिकारियों से बातचीत करनी होती है।
- विदेशों में मौजूद भारतीय लोगों की मदद करने का काम भारतीय दूतावास करता है, जो असर में IFS ऑफिसर का काम होता है। यहीं ऑफिसर होते हैं, जो राजनयिक और राजदूत के तौर पर भी काम करते हैं।
- IFS ऑफिसर का काम दोनों देशों के बीच अच्छे और सुखद संबंध स्थापित करना होता है।
IRS
IRS का पूरा नाम इंडियन रेवेन्यू सर्विस होता है। IRS ऑफिसर का काम फाइनेंस मिनिस्ट्री में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तहत काम करना होता है। यह पद भी बहुत ज्यादा जिम्मेदारियों से जुड़ा हुआ होता है क्योकि इस पद पर तैनात अधिकारी कस्टम डिपार्टमेंट और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ जुड़े होते हैं। ये ऑफिसर्स टैक्स पॉलिसी को तैयार करने की सलाह देते हैं। इससे जुड़ीं नीतियां और नियमों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका इन्हीं की होती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, IRS ऑफिसर अपने राष्ट्र की खुफिया एजेंसियों से जुड़कर देश की रक्षा भी करते हैं।
IAS और IPS पद पर तैनात आधिकारियों को लोक सेवा अधिकारी कहा जाता है। इन पदों पर तैनात लोगों के पास कई सारे स्पेशल राइट्स होते हैं। ये दोनों ही पद अपने आप में खास होते हैं। हालांकि इन पद पर काम करने वाले अधिकारियों के कार्य अलग-अलग होते हैं। जो व्यक्ति सिविल सर्विस एग्जाम पास करता है, उन्हें ही इस पद पर नियुक्ति किया जाता है।