Delhi Airport: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका के आधार पर नोटिस जारी किया, जिसमें पक्षियों के टकराने के खतरों को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने और दिल्ली हवाई अड्डे पर पक्षी परिहार मॉडल को लागू करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर वन्यजीव-विमान के टकराने की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की। करंजावाला एंड कंपनी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि IGI हवाई अड्डे पर पक्षियों और वन्यजीवों का विमान से टकराना न केवल विमान में सवार यात्रियों के जीवन और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि विमान दुर्घटना की स्थिति में आस-पास के इलाकों के निवासियों के लिए भी खतरा पैदा करता है।
याचिका में आगे कहा गया है कि आईजीआई एयरपोर्ट पर पक्षियों के टकराने की 705 घटनाएं हुईं, जो छह राज्यों के 29 एयरपोर्ट पर पक्षियों के टकराने की संयुक्त घटनाओं से कहीं अधिक है।
याचिकाकर्ता ने आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास बूचड़खानों, मीट की दुकानों, डेयरी फार्मों और पर्यावरण प्रदूषण की मौजूदगी को बढ़ती घटनाओं के पीछे प्राथमिक कारणों में से एक बताया। यह तर्क दिया गया कि इन प्रतिष्ठानों का संचालन और आईजीआई एयरपोर्ट के आसपास कचरे का निपटान विभिन्न कानूनों का उल्लंघन है।
हाई कोर्ट ने केंद्र, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इन चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करना चाहता है और मामले को 14 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।