केंद्र सरकार ने गुरुवार को ₹2.23 लाख करोड़ की रक्षा अधिग्रहण परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी दे दी, जिसमें 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमान और 156 प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीद शामिल है, जो सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने ऐसे समय में परियोजनाओं कोमंजूरी दी, जब भारत तीन साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध में है।
बता दें कि लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल किए जाने के कुछ हफ्तों बाद अब 150 से अधिक प्रचंड हेलीकॉप्टरों और 97 तेजस लडाकू विमानों को को मंजूरी दी गई है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ₹2.23 लाख करोड़ की कुल खरीद का 98 प्रतिशत घरेलू उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा और इस कदम से भारतीय रक्षा उद्योग को 'आत्मनिर्भरता' (आत्मनिर्भरता) के लक्ष्य को प्राप्त करने में काफी बढ़ावा मिलेगा। रक्षा उद्योग.
डीएसी ने सरकारी एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा अपने एसयू-30 लड़ाकू बेड़े को अपग्रेड करने के भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसमें आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) या दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध सामग्री अर्थात् एरिया डिनायल युद्ध सामग्री (एडीएम) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद के लिए प्रारंभिक अनुमोदन पर सहमति व्यक्त की गई।