कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें अगस्त 2022 में अघोषित आरोपों में हिरासत में लिए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी, जिनमें से एक को छोड़कर सभी सोमवार को अपने घर लौट आए।
पिछले दिसंबर में, कतर की अदालत ने कैप्टन नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा और सुगुनाकर पकाला और नाविक रागेश को दी गई मौत की सजा को कम कर दिया और उन्हें जेल की सजा सुनाई।
कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, ये सभी पूर्व नेवी अफसर कतर की एक कंपनी के लिए काम करते थे, जो कतर की नौसेना को ट्रेनिंग प्रदान करती थी। भारत सरकार ने इस पूरे मामले पर अपनी हैरानी जताई थी। साथ ही पूर्व नौसेनिकों की रिहाई के लिए कानूनी विकल्प भी खोज रही थी।
कतर ने इन आठों नौसेनिकों को पिछले वर्ष अगस्त के महीने में गिरफ्तार किया था तब से ये सभी नौसेनिक कतर की जेल में बंद थे। कतर की अदालत ने फैसला देते हुए सभी आठ नौसेना के अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी।इस मामले के जानकारों के अनुसार सभी नौसेनिकों पर कतर की जासूसी करने का आरोप लगा था।
यह सभी नौसेनिक दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीस सर्विसेज के लिए काम करते थे। गिरफ्तार हुए नौसेनिकों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र वर्मा, कमांडर पुरेंदू तिवारी, कमांडर संजीव गुप्ता ,कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश हैं।
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