ओलंपिक में भारतीय तलवारबाज भवानी देवी ने आत्मविश्वास के साथ शुरुआती की। वह पहला मैच तो जीत गईं लेकिन दूसरे मैच में चौथी वरीयता प्राप्त फ्रांस की मैनन ब्रूनेट से हार गईं। इसके बाद भवानी का टोक्यो ओलंपिक में सफर खत्म हो गया है। महिलाओं की व्यक्तिगत साबरे के दूसरे मैच में रियो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली ब्रूनेट से भवानी को 7-15 से हार का सामना करना पड़ा।
इससे पहले भवानी ने ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हारकर दूसरे दौर में प्रवेश किया था। साथ ही वह ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय बनीं, हालांकि, ब्रूनेट का सामना करना उनके लिए आसान नहीं था लेकिन उन्होंने तब भी अपना जज्बा बनाए रखा और ब्रूनेट को दूसरे पीरियण में चुनौती दी।
वहीं पहले पीरियड में 2-8 से पीछे हो गई थीं, ब्रूनेट ने दूसरे पीरियड की भी अच्छी शुरुआत की और स्कोर 11-2 कर दिया। लगातार चार अंक बनाने के बाद भवानी ने 9 मिनट 48 सेकेंड तक के मुकाबले में ब्रूनेट को कड़ी टक्कर दी लेकिन ब्रूनेट को पहले 15 अंक तक पहुंचने से नहीं रोक पाईं। बता दें कि तलवारबाजी में जो भी तलवारबाज पहले 15 अंक बना लेता है वह विजेता होता है।
मुकाबले के बाद भवानी देवी ने कहा, "यह मेरा पहला ओलंपिक है जिसमें भाग लेने वाली मैं देश की पहली तलवारबाज हूं, मैं यहां देश का प्रतिनिधित्व करके और पहला मैच अपने नाम करके खुश हूं।" वहीं इससे पहले उन्होंने ट्यूनिशिया की अजीजी के खुले स्टांस का फायदा उठाया। 27 वर्षीय भवानी ने तीन मिनट के पहले पीरियण में एक भी अंक नहीं गंवाया और 8-0 की मजबूत बढ़त बना ली। नादिया ने दूसरे पीरियड में कुछ सुधार किया लेकिन भवानी ने अपनी बढ़त मजबूत करनी जारी रखी और 6 मिनट 14 सेकेंड में मुकाबला अपने नाम कर लिया था।