नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा कि भगवान राम नेपाली हैं और भारत में नकली अयोध्या है। जिसके बाद से उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है। इस बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ओली के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपना मांसिक संतुलन खो दिया है।
उन्होंने मंगलवार को किए अपने ट्वीट में लिखा, 'ऐसा प्रतीत होता है के नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपना मांसिक संतुलन खो दिया है या फिर वे चीन के कहने पर ऐसा बयान दे रहे हैं। पहले उन्होंने भारत की जमीन को अपना बता दिया। और अब वह राम, सीता, अयोध्या और रामराज्य को अयोध्या से मीलों दूर नेपाल लेकर चले गए।'
बता दें कि केवी ओली ने सोमवार को कहा था, 'भारत अपने यहां फर्जी अयोध्या बनाकर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर रहा है। वास्तविक आयोध्या नेपाल के बीरगंज के एक गांव में है।' नेपाली प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने जनकपुर में जन्मीं सीता का विवाह किसी भारतीय राजा के साथ नहीं किया बल्कि सीता का विवाह भारत के नहीं अयोध्या के राम से हुआ था जो कि नेपाल में है।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम नेपाली हैं न कि भारतीय। ओली ने आगे कहा कि इतनी दूर से कोई राजा कैसे सीता से विवाह करने के लिए जनकपुर आ सकता है क्योंकि उस समय संचार और परिवहन के साधन नहीं थे।
उन्होंने कहा, 'उनकी अयोध्या को लेकर काफी विवाद है जबकि हमारी अयोध्या थोरी गांव में है जिसको लेकर कोई विवाद नहीं है।' नेपाल के पीएम ने दावा करते हुए कहा कि विज्ञान और ज्ञान का विकास नेपाल में हुआ था। बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री के ऐसे बयान से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।