कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यानी आज सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखेंगी। मान्यता है कि चंद्रमा सुख, शान्ति और आयु का कारक है इसलिए पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है।
इस पावन व्रत को केवल उन्हीं को करना चाहिए जो सुहागिन हो या जिनके रिश्ते तय हो चुके हों। व्रत करने वाली हर महिला को अपने लिए हमेशा कलरफुल कपड़े ही लेने चाहिए। लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। काले और सफेद कपड़े कतई नहीं पहनने चाहिए। इसके साथ ही इस दिन सोलह श्रृंगार करना चाहिए, क्योंकि ये एक सुहागिन का व्रत है।
करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से शुरू हो कर चंद्रोदय तक रहता है। चंद्रमा के साथ पति को देख कर ही इस व्रत को खोला जाता है। एक बार व्रत उठा लेने के बाद इसे छोड़ा नहीं जा सकता। ऐसे में अगर पत्नी बीमार हो गर्भवती हो तो पति को ये व्रत करना होगा और पूजा पत्नी करेगी।