शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले पर लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट 10 दिसंबर को फैसला सुनाएगा। कल मामले की अहम सुनवाई हुई थी।
सुनवाई के दौरान माल्या ने कहा कि भारत छोड़ने से पहले वह वित्त मंत्री से मिलकर आए थे। लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात को ब्लॉग के जरिए तुरंत खारिज कर दिया। माल्या ने कहा, 'मैं सेटलमेंट के मामले में वित्त मंत्री से मिला था, लेकिन बैंकों ने मेरे सेटलमेंट प्लान को लेकर सवाल खड़े किए।'
इसके बाद वित्त मंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा, 'विजय माल्या ने कहा कि वह भारत छोड़ने से पहले सेटलमेंट ऑफर को लेकर मुझसे मिले थे। तत्थात्मक रूप से यह बयान पूरी तरह झूठ है। 2014 से अब तक मैंने माल्या को मुलाकात के लिए कोई अपॉइनमेंट नहीं दिया है, ऐसे में मुझसे मिलने का सवाल ही नहीं उठता।'
बता दें अगर कोर्ट माल्या के प्रत्यर्पण का अनुमति देता है, तो इसके बाद मामला ब्रिटेन के होम डिपार्टमेंट के पास जाएगा। जहां से माल्या के प्रत्यर्पण की अनुमति पर फैसला होगा। अगर फैसला माल्या के खिलाफ आता है तो वह ऊंची अदालत में इसे चुनौती भी दे सकता है।