स्विट्जरलैंड के बैंकों में ऐसे खाते हैं, जिनमें जमा 300 करोड़ रुपये की सुध लेने के लिए सालों से कोई नहीं पहुंचा है। इनमें एक खाता देहरादून निवासी बहादुरचंद्र सिंह का है।
पिछले 60 सालों में बैंक ने ऐसे 3500 खातों की एक सूची वर्ष 2015 में जारी की थी, जिनमें जमा भारतीयों के भी कम से कम 6 खाते स्पष्ट तौर पर शामिल थे। बता दें इन खातों में कम से कम 500 स्विस फ्रेंक जमा हैं।
सूची जारी होने के 3 साल बाद भी इन खातों में जमा करीब 300 करोड़ रुपये की सुध लेने कोई नहीं पहुंचा है। इन 6 भारतीयों में से 3 अब विदेशों में रहते हैं, जबकि अन्य तीन का भारतीय पता ही मौजूद है।
स्विस नेशनल बैंक के अनुसार, वर्ष 2017 में इनमें से मात्र 40 बैंक खातों और दो सेफ डिपॉजिट बॉक्स के दावेदार सामने आने पर उन्हें इस सूची से हटा दिया गया था। लेकिन बाकी खातों के मालिक अभी तक नहीं मिल सके हैं।
बैंक के नियमों के अनुसार, 2020 तक इन खातों के दावेदार सामने नहीं आने पर सरकार इस पैसे को अपने कब्जे में लेकर खाता बंद कर देगी।
साथ ही स्विस नेशनल बैंक की तरफ से हाल ही में बताया गया था कि वहां के बैंकों में वर्ष 2017 में भारतीयों की जमा राशि में 50 फीसदी यानी करीब दो गुना इजाफा हुआ है। अधिकृत तौर पर वहां भारतीय लोगों की जमा राशि करीब 7,000 करोड़ रुपये हो गई है। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंक में जमा विदेशी धन में केवल 0.07 फीसदी धन ही भारतीयों का है।
स्विट्जरलैंड ने भारत समेत अन्य देशों को उनके यहां से आने वाले पैसे की अपने आप जानकारी देने का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। इसके चलते अगले साल से भारत को अपने देश से आने वाले पैसे का ऑटोमैटिक डाटा मिलना शुरू हो जाएगा, जिससे काला धन छिपाना असंभव हो जाएगा।