पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश में खलबली मचा दी है। सिद्धू की अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई से कांग्रेस में सबसे अधिक हलचल है। इसकी वजह से कांग्रेस विधायक व नेता दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं। बता दें सिद्धू को घेरने के लिए कई कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दरबार पहुंचने लगे हैं। जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह सहित कई नेता सिद्धू के साथ हैं। मामले में अपना स्टैंड स्पष्ट कर सिद्धू ने कहा कि वह कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। ऐसे में इन विधायकों में बेचैनी और भी बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद की गरिमा के अनुसार सिद्धू को नजाकत भरी सियासत से यह समझाने की कोशिश की है कि हर मामले में टांग अड़ाना ठीक नहीं है। पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने के करीब 16 माह के दौरान कई बार विभिन्न मुद्दों को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिद्धू आमने-सामने नजर आते रहे हैं।
कांग्रेस के अंदर सिद्धू ने अपने समर्थक और विरोधी नेताओं व विधायकों की संख्या बढ़ा ली है। यह अलग बात है कि सिद्धू अभी कांग्रेस विधायकों, नेताओं की उस संख्या से काफी दूर हैं जो कैप्टन को चुनौती देने के लिए उनके पास होनी चाहिए। सिद्धू को जब राहुल गांधी ने पार्टी में शामिल करवाया था तब भी कैप्टन अमरिंदर सिंह मौके पर मौजूद नहीं थे। सिद्धू की राहुल गांधी तक सीधी पहुंच है।
इस बार भी अमृतसर, जालंधर में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सिद्धू को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कुछ कांग्रेसी उनके पक्ष में भी आ रहे हैं। विरोध करने वाले कांग्रेसी खुलकर सिद्धू को चुनौती दे रहे हैं और उनके समर्थक उनका साथ निभा रहे हैं। यही वजह है कि मौके की नजाकत को देखते हुए लोक इंसाफ पार्टी से लेकर आम आदमी पार्टी तक के तमाम विधायक व नेता सिद्धू के लिए लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं।