पंजाब के सरहदी क्षेत्रों को मिलने वाले बॉर्डर एरिया को विकास के लिए अब फंड का केवल 60 फीसद हिस्सा मिलेगा। केंद्र सरकार ने फंड में 40 फीसद की कटौती कर दी है। यह 40 फीसद हिस्सा अब पंजाब सरकार को देना होगा। इतना ही नहीं, सरहदी विकास क्षेत्र की सीमा भी 25 किलोमीटर से घटा कर 10 किलोमीटर कर दी गई है।
कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि इसे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने शुरू किया था, जिसपर मोदी सरकार ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि इस फैसले की नींव पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के समय ही रख दी गई थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने इसका विरोध नहीं किया।
साथ ही रंधावा ने बताया कि पंजाब के सरहदी क्षेत्र आतंकवाद, ड्रग्स और बेरोजगारी की मार बर्दाश्त कर रहे हैं और विकास में पिछड़े हुए हैं। रंधावा ने केंद्रीय गृह सचिव से मिल कर यह मुद्दा उठाया है और फैसला वापस लेने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि मैंने यह मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ध्यान में ला दिया है।
आरोप लगाते हुए रंधावा ने कहा कि कांग्रेस इस फैसले का कड़ा विरोध करेगी। यदि केंद्र सरकार ने फैसला वापस न लिया, तो कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के सामने धरना देगी। इसके अलावा आने वाले विधानसभा सेशन और मानसून सत्र में भी इस मुद्दे के उठने की संभावना है।