दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रवासी सांसद दिवस के मौके पर दिल्ली में पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन पार्लियामेंट्री सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम ने 125 करोड़ भारतीयों की तरफ से देश में प्रवासी सांसदों का वेलकम किया। साथ ही पीएम ने अरुणाचल में चल रहे सीमा विवाद पर भी अपना रुख जाहिर किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए विदेशों से आए भारतीय मूल के सांसदों का देश में स्वागत किया। इस सम्मेलन में 23 देशों के 124 सांसद और 17 मेयर के शामिल हुए। उन्होंने सम्मेलन को भारतीय मूल का ‘मिनी वर्ल्ड पार्लियामेंट’ कहा। भारतीय मूल के लोगों को विश्व में भारत का स्थायी राजदूत करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। साथ ही भारतीय सेना की तरीफ करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों ही विश्वयुद्ध में भारतीय सैनिकों ने योगदान दिया है और सयुंक्त राष्ट्र की शांति आर्मी में भी भारतीय सबसे आगे हैं। हमारे प्रति विश्व का नजरिया बदल रहा है और भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं।
वहीं प्रधानमंत्री ने सीमा विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी के स्रोतों या जमीन पर हमारी नजर नहीं है, हमारा फोकस हमेशा क्षमता के निर्माण और विकास पर होता है। 21वीं सदी एशिया की सदी होगी और भारत इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह प्रथम प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन है और इसके जरिए सरकार विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसा इसके पहले कभी नहीं हुआ। जाहिर है कि इससे प्रवासी भारतीय भी भारत की ओर आकर्षित हुए हैं।