पुत्र पर आने वाली सभी समस्याओं से रक्षा के लिए जिउतिया व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान जीऊतवाहन की पूजा की जाती है.
इस व्रत को 'जितिया व्रत' भी कहा जाता है. यह व्रत आश्विन मास के कृष्णपक्ष की प्रदोषकाल-व्यापिनी अष्टमी को किया जाता है. इस साल का अश्विन मास 23 सितंबर से 22 अक्टूबर तक बताया जा रहा है.
जितिया व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 2 अक्टूबर 2018 की सुबह 04 बजकर 09 मिनट
अष्टमी तिथि समाप्त: 2 अक्टूबर 2018 को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट
जितिया व्रत की पूजा विधि
जितिया में तीन दिन तक उपवास किया जाता है:
- पहला दिन: जितिया व्रत में पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है. इस दिन महिलाएं नहाने के बाद एक बार भोजन करती हैं और फिर दिन भर कुछ नहीं खाती हैं.
- दूसरा दिन: व्रत में दूसरे दिन को खुर जितिया कहा जाता है. यही व्रत का विशेष और मुख्य दिन है जो कि अष्टमी को पड़ता है. इस दिन महिलाएं निर्जला रहती हैं. यहां तक कि रात को भी पानी नहीं पिया जाता है.
- तीसरा दिन: व्रत के तीसरे दिन पारण किया जाता है. इस दिन व्रत का पारण करने के बाद भोजन ग्रहण किया जाता है.