वित्तीय संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने किराया नहीं चुकाने के कारण अपने दो और विमान खड़े कर दिए हैं. किराया नहीं चुकाने की वजह से कंपनी अब तक 23 विमान को परिचालन से बाहर कर चुकी है. इन दोनों विमानों के खड़े होने के साथ जेट एयरवेज के बेड़े के करीब 20 फीसदी विमान परिचालन से बाहर हो गए हैं.
कंपनी ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, "पट्टे समझौते के तहत पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को पैसा नहीं दे पाने के चलते दो और विमानों को खड़ा करना पड़ा."
कंपनी ने यह भी कहा कि किराए पर विमान देने वाली सभी कंपनियों के साथ सक्रिय तौर पर "बातचीत" चल रही है और नकदी की स्थिति को सुधारने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में उन्हें नियमित जानकारी दी जा रही है. जेट एयरवेज ने कहा कि इन विमानों के खड़े होने की वजह से नेटवर्क में जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें कम से कम करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं और यात्रियों को इसकी जानकारी दी जा रही है.
इसके अलावा कंपनी नागर विमानन महानिदेशालय को भी इस संबंध में नियमित जानकारी दे रही है. इससे पहले जेट एयरवेज ने किराया नहीं चुका पाने की वजह से 27 फरवरी और 28 फरवरी को क्रमश: सात और छह विमान खड़े किए थे. कंपनी अपनी सहयोगी एतिहाद से अतिरिक्त पूंजी का निवेश करने पर बातचीत कर रही है.