हिमाचल के मनाली में सड़क निर्माण में धांधली के एक आरोप में विजिलेंस ने जांच पूरी कर पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन एक्सईएन सुरेश कुमार धीमान समेत करीब आधा दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों को क्लीन चिट दे दी। विजिलेंस ब्यूरो को जांच में तथ्य नहीं मिले, जिसके बाद जांच बंद करने की सरकार को रिपोर्ट की है। यह मामला मनाली की बाहणूनाला-शामीनाला- जगतसुख सड़क से संबंधित है।
शिकायत को आधार बनाकर विजिलेंस ने इस मामले में गोपनीय जांच शुरू की थी। इस शिकायत में आरोप थे कि वर्ष 2010 से 2014 के बीच तत्कालीन उपायुक्त कुल्लू और जिला योजना अधिकारी कुल्लू ने बाहणूनाला से शामीनाला और शामीनाला से जगतसुख के लिए संपर्क मार्ग निकालने को 26 लाख रुपये जारी किए। यह राशि लोक निर्माण विभाग के मंडल-दो कुल्लू को जारी की।
इस पर विजिलेंस के कुल्लू थाने ने जांच की। इसमें पाया गया कि इस सड़क में बजट के इस्तेमाल में तत्कालीन अधिशासी अभियंता कुल्लू या किसी अन्य अधिकारी और कर्मचारी ने कोई धांधली नहीं की जैसे कि उन पर आरोप थे। जांच के दौरान पाया कि 26 लाख रुपये में से 12,30,000 रुपये सड़क तैयार करवाने में खर्च हो गए, शेष बचे 13,70,000 रुपये लोक निर्माण विभाग के मंडल-दो कुल्लू के डिपाजिट खाते में हैं।
इस सड़क को कुछ स्थानीय लोगों की ओर से अलग-अलग दिशा में ले जाने की कोशिश पर विवाद खड़ा हो गया। सड़क के लिए गिफ्ट डीड नहीं मिलने के कारण काम रोका गया। इस बारे में विजिलेंस ने कई अधिकारियों के बयान लिए। इसमें यह भी पाया गया कि बनी सड़क बारिश और बरसात के कारण भी जगह-जगह से ढह गई है। तत्कालीन एक्सईएन, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और कुछ अन्य कर्मचारी भी इस मामले की जांच की जद में आ गए थे। अब इन्हें क्लीन चिट दे दी गई है।