हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायतों में नियुक्त 1356 सिलाई अध्यापिकाओं को सरकार के नए पदोन्नति नियमों से झटका लगा है। वे पंचायत सचिव नहीं बन पाएंगी। इन सिलाई अध्यापिकाओं ने जमा दो की परीक्षा पास नहीं की है। इस कारण वे पंचायत सचिवों की नियुक्ति के नए नियमों में बाहर हो गई हैं।
इन नियमों के अनुसार 2008 में से केवल 652 सिलाई अध्यापिकाओं की शैक्षणिक योग्यता ही जमा दो पास है। यही संख्या पंचायत सचिव की पदोन्नति पा सकेंगी या फिर जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली सिलाई शिक्षिकाएं ही इसके लिए पात्र होंगी।
हाल ही में हिमाचल सरकार ने पंचायत सचिवों की भर्ती को ग्रामीण विकास में एमबीए की डिग्री वाले अभ्यर्थियों के लिए तीन फीसदी कोटा तय कर दिया है। इसके अलावा 20 फीसदी पद जमा दो पास सिलाई शिक्षिकाओं से भरे जाएंगे। इसके लिए पंचायत सचिवों के भर्ती नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि अब एसडीएम नहीं, बल्कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग या सरकार की ओर से प्राधिकृत एजेंसी ही पंचायत सचिवों की भर्ती करेगी। पंचायत सचिवों की नियुक्ति पहले एक साल के अनुबंध पर होगी। उसके बाद अनुबंध बढ़ाया जा सकता है। पंचायत सचिवों को अनुबंध पर पहले वर्ष 7810 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।