केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने थलसेना के जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) सहित सशस्त्र बलों के करीब 1.12 लाख जवानों को ज्यादा सैन्य सेवा वेतन (एमएसपी) दिए जाने की बहुप्रतीक्षित मांग खारिज कर दी है. सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वित्त मंत्रालय के इस फैसले से थलसेना मुख्यालय में ‘बहुत रोष’ है और वह इसकी समीक्षा की मांग करेगा.
बता दें कि सरकार के इस फैसले से नौसेना और भारतीय वायुसेना के 87,646 जेसीओ और 25,434 कर्मियों सहित लगभग एक लाख सेना कर्मियों को प्रभावित करेगा।
एमएसपी उनकी यूनिक सर्विस और कठिनाइयों को पहचानने वाली सेवाओं के लिए पेश किया गया था। लेकिन एक सूत्र सूत्रों के अनुसार जेसीओ के लिए उच्च एमएसपी और नौसेना -आईएएफ के समकक्ष रैंक के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। बता दें कि वर्तमान में, एमएसपी में दो श्रेणियां हैं जिसमें पहला अधिकारी के लिए और दूसरा जेसीओ और जवानों के लिए है।
सातवें वेतन आयोग में जेसीओ और जवानों के लिए 5,200 रुपए एमएसपी फिक्स की गई थी। जब कि लेफ्टीनेंट रैंक और ब्रिगेडियर रैंक के लिए 15,500 रुपए एमएसपी फिक्स की गई है। लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने लंबे समय से इंतजार कर रहे सैन्य अधिकारियों को यह फैसला सुनाकर झटका दे दिया, जिसकी वजह से जवानों को भी निराशा हाथ लगी है। जवान इस उम्मीद में थे कि अगर उनकी ये मांग पूरी हो जाती है तो कम से कम पेंशन तो पहले से बेहतर हो जाएगा लेकिन सरकार ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है।