श्रावण शुक्ल पंचमी को भारत में नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी 15 अगस्त यानी आज मनाई जा रही है। इस त्यौहार में नाग देवता की पूजा करने और उन्हें दूध चढ़ाने की परंपरा है। बता दें इस अवसर पर कई इलाकों में आज के दिन दंगल का आयोजन भी किया जाता है।
इस अवसर पर नाग देवता को दूध भी चढ़ाया जाता है। हिन्दू धर्म की कथाओं में कहा गया है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने और उन्हें दूध पिलाने से लक्ष्मी घर आती हैं। दूध पिलाने से नाग देवता खुश होते हैं और उनकी कृपा से घर से लक्ष्मी कभी बाहर नहीं जाती। नाग देवता की पूजा करने से लोगों को सर्पदंश का भय भी नहीं रहता।
नागों की कहानी से जुड़े भविष्य पुराण में कहा गया है कि आठ प्रमुख नागों का नाम लेने वाले इंसान को किसी जीच का भय नहीं सताता। जैसा कि इस स्लोक में कहा गया है-
वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः।
ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनंजयौ ॥
एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां प्राणजीविनाम् ॥ (भविष्योत्तरपुराण – ३२-२-७)
अर्थ: वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय - ये प्राणियों को अभय प्रदान करते हैं।