सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में हत्या हो गई थी। हत्या के बाद खशोगी के शव को तेजाब से जलाकर उनके अवशेष नाली में बहा दिए गए थे। जांचकर्ताओं ने नाली से कई सैंपल लिए हैं। सऊदी दूतावास से भी तेजाब के निशान मिलने की खबर आई है।
पत्रकार खशोगी को आखिरी बार 2 अक्तूबर को दूतावास में प्रवेश करते हुए देखा गया था, जहां वे अपनी जल्द होने वाली शादी के लिए आवश्यक कागजात लेने गए थे। इसके बाद उनका शव भी नहीं मिल पाया था। सऊदी अरब ने लगातार इनकार के बाद आखिरकार स्वीकार कर लिया था कि 59 वर्षीय अमेरिकी पत्रकार की दूतावास के अंदर कर्मचारियों से हुए झगड़े में हत्या कर दी गई थी।
तुर्की राष्ट्रपति टी. एर्दोगन ने इस हत्या का आदेश सऊदी शासन के ‘शीर्ष लोगों’ की तरफ से दिए जाने का आरोप लगाया था। कई अधिकारियों ने हत्या के पीछे सऊदी के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के होने की तरफ इशारा किया था, जिनकी नीतियों का खशोगी को कटु आलोचक माना जाता था।