सरकार ने 3547 करोड़ रुपये की लागत से असॉल्ट राइफलों और कार्बाइन की खरीद के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी, ताकि सीमा पर तैनात सैनिकों की तात्कालिक जरूरत की ‘त्वरित आधार’ पर पूर्ति की जा सके। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाले रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 72000 असॉल्ट राइफल और 93 हजार 895 कार्बाइन की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
सरकार के इस फैसले से सेना को नए हथियारों की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने सेना के लिए हथियारों की खरीद को मंजूरी दे दी है। हथियार खरीदने में करीब 3,547 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में फास्ट ट्रैक आधार पर हथियारों को खरीदने का फैसला किया गया।
रक्षा मंत्रालय की माने तो नए हथियार असॉल्ट राइफलें और क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन इंसास राइफलों की जगह लेंगी। जल्द ही हथियारों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इंसास को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने साल 1990 में विकसित किया था। नया कार्बाइन नजदीक के दुश्मनों से मुकाबला करने में काफी सक्षम है।
गौरतलब है कि हाल ही में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को असॉल्ट राइफलों से लैस किया जाएगा।