केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कैदियों को सौगात देते हुए फैसला सुनाया है कि जेल में बंद कैदियों को विशेष माफी देने को मंजूरी दी जाएगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देश की विभिन्न जेलों से कैदियों को विशेष माफी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव के तहत विभिन्न श्रेणियों के कैदियों को तीन चरणों में रिहा किया जाएगा.
उन इस योजना से उन कैदियों को बाहर रखा जाएगा, जिनकी मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया है. इसके अलावा दहेज मृत्यु, बलात्कार, मानव तस्करी, पोटा, यूएपीए, टाडा, एफआईसीएन, पोस्को एक्ट, धन शोधन, फेमा, एनडीपीएस, भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम आदि के दोषियों को भी इस योजना के लाभ से बाहर रखा जाएगा.
पहले चरण में कैदियों को 2 अक्टूबर, 2018 (महात्मा गांधी की जयंती) को रिहा किया जाएगा और दूसरे चरण में कैदियों को 10 अप्रैल, 2019 (चम्पारण सत्याग्रह की वर्षगांठ) को रिहा किया जाएगा. वहीं तीसरे चरण में कैदियों को 02 अक्टूबर, 2019 (महात्मा गांधी की जयंती) को रिहा किया जाएगा.
बता दें केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के तहत 55 वर्ष की ऐसी महिला कैदियों को योजना के तहत रिहा किया जाएगा, जिनकी वास्तविक सजा की अवधि 50 फीसदी से अधिक हो चुकी है. 50 फीसदी वास्तविक सजा की अवधि पूरी करने वाले 55 वर्ष या इससे अधिक उम्र के किन्नर कैदियों को भी रिहा किया जाएगा.
वहीं, 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र के ऐसे पुरुष कैदियों को भी रिहा किया जाएगा, जिनकी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरी हो गई है. इसके अलावा, 70 फीसदी से अधिक दिव्यांग कैदियों को भी रिहा किया जाएगा. इनके लिए भी 50 फीसदी वास्तविक सजा अवधि पूरा करने की शर्त रखी गई है.