लंदन में गणतंत्र दिवस पर भारतीय उच्चायोग के बाहर अलगाववादी संगठनों द्वारा एक प्रदर्शन के दौरान भारत का राष्ट्र ध्वज जलाए जाने की खबरों को लेकर ब्रिटेन की सरकार ने सोमवार को अफसोस जताया। विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) ने कहा कि अलगाववादी संगठनों द्वारा इस तरह का कदम उठाए जाने से वह निराश हैं। जबकि स्कॉटलैंड यार्ड ने शनिवार को ऐसी घटना होने की संभावना की पुष्टि की थी।
एफसीओ के एक प्रवक्ता ने कहा कि गणतंत्र दिवस के ही दिन भारतीय झंडा को जलाया गया, इसके लिए वे बहुत निराश हैं। उन्होंने भारत को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर बहुत सकारात्मक है। ब्रिटेन यूरोपियन संघों को छोड़ने और वैश्विक परिदृश्य में नए साझेदारों के साथ संबंध बनाने को तत्पर हैं।
मालूम हो कि शनिवार को कुछ ब्रिटिश सिख और कश्मीरी संगठनों के कार्यकर्ताओं का एक छोटा समूह भारतीय उच्चायोग इंडिया हाउस के बाहर जमा हुए थे और हाथों में तख्ती लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की थी। अलगाववादियों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए थे।
भारतीय अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस को योजनाबद्ध प्रदर्शन के बारे में अवगत कराया गया था। कैमरे में कुछ प्रदर्शनकारियों को भारतीय ध्वज को जलाते हुए कैच किया गया था। वहीं, मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने शनिवार को एल्डविच में इंडिया हाउस के बाहर प्रदर्शन होने की बात स्वीकारी थी।
पुलिस ने शुरुआत में झंडा जलाए जाने की घटना से इंकार करते हुए कहा था कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं की गई है और न ही कोई गिरफ्तारी की गई है। इंडिया हाउस के बाहर प्रदर्शन होने की बात कही थी। पुलिस ने कहा था कि सोशल मीडिया पर आए वीडियों की जांच कर रहे हैं।
विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय ने प्रदर्शनकारियों को कानून के दायरे में रहते हुए प्रोटेस्ट करने की चेतावनी दी थी। प्रदर्शनकारी कथित तौर पर माइनॉरिटी एगेंस्ट मोदी ग्रुप से थे।